एक समय की बात है, एक छोटे गांव में एक खूबसूरत लड़की नाम रिया रहती थी। रिया बहुत ही प्यारी और मस्तीभरी थी, लेकिन गांव वालों के बीच एक दिलचस्प बात थी। वे कहते थे कि गांव के पास एक चुड़ैल भी रहती है।
एक दिन, रिया अपनी दोस्त मिली और उसने बताया, "तूने सुना है कि यहां एक चुड़ैल रहती है? क्या हम जाकर उसे ढूंढ़ सकते हैं?"
मिली थोड़ी डरी हुई लेकिन बोली, "ठीक है, रिया! हम सावधानी से जाएंगे।"
दोनों बच्चे गांव से बाहर निकले और जंगल की ओर चल दिए। रास्ते में वे एक पुराने हावड़ी के पास पहुंचे। वहां पर एक वृक्ष के नीचे एक सुंदरी लड़की बैठी थी।
रिया ने मिली को छोटी सी आवाज़ में कहा, "यह वही है! चुड़ैल!"
वह लड़की सुन लेती है और मुस्काते हुए बोली, "हाहाहाहा! क्या आप लोग मेरे पीछे आए हो?"
रिया ने डर के साथ बोला, "हाँ... हम तुम्हें देखने आए हैं। हमें लगा तुम एक चुड़ैल हो।"
वह लड़की चुढ़ाते हुए बोली, "हे भगवान! मैं एक चुड़ैल नहीं हूँ। मेरा नाम विद्या है और मैं यहीं रहती हूँ। तुम्हें यकीन नहीं होगा, ना?"
रिया और मिली एक-दूसरे पर देखते हैं और फिर विद्या के पास जाते हैं। रिया कहती है, "माफ़ करो, विद्या! नई दोस्ती में स्वागत है।"
विद्या उन्हें मुस्काते हुए आवाज़ देती है, "आप बहुत मीठे हो! चलो, हम दोस्त बनते हैं।"
रिया, मिली और विद्या दोस्त बन गईं और साथ में जंगल में खेलने लगीं। विद्या ने दोनों को जादू के बारे में बताया और उन्हें अपनी दुनिया में घुसने की अनुमति दी।
विद्या के साथ अपनी नई दोस्ती में खुश रहने वाली रिया और मिली के लिए यह एक अनुभव था कि हमेशा लोगों को समझना चाहिए और उनकी बातों पर विश्वास करना चाहिए। चुड़ैल शब्द न केवल दिखावटी होता है, बल्कि हमेशा लोग की सोच और भावनाओं को समझना महत्वपूर्ण होता है।
इस तरह, रिया, मिली और विद्या की दोस्ती बहुत ही खास और अद्भुत थी,
तथा यह कहानी चुड़ैल और दोस्ती की बारे में है The end.
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